HomeUncategorizedजायसवाल कलार कलचुरी महोत्सव: 9 नवंबर 2025 को रतनपुर में लगेगा 'महाकुंभ',...

जायसवाल कलार कलचुरी महोत्सव: 9 नवंबर 2025 को रतनपुर में लगेगा ‘महाकुंभ’, देश भर में ज़ोरदार प्रचार! 

 जायसवाल कलार कलचुरी महोत्सव: 9 नवंबर 2025 को रतनपुर में लगेगा ‘महाकुंभ’, देश भर में ज़ोरदार प्रचार!

छत्तीसगढ़ के कोरबा– कटघोरा से मिली जानकारी के अनुसार, जयसवाल कलार कलचुरी समाज इस वर्ष अनंद कोटि ब्रह्मांड नायक राजराजेश्वर भगवान श्री सहस्त्रबाहु जी के जन्मोत्सव के अवसर पर एक राष्ट्रीय स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। यह भव्य आयोजन 9 नवंबर 2025 को छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक स्थल रतनपुर में होगा, जिसके लिए समाज के लोग छत्तीसगढ़ के अलावा पूरे देश में जोर-शोर से प्रचार-प्रसार में लगे हैं।

🌟 कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य एवं प्रेरणा,,

इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य समाज के सभी को एकजुटता का संदेश देना और समाज की मूल धारा से भटके हुए स्वजातियों को वापस जोड़ना है। संपूर्ण समाज से भारी संख्या में उपस्थित होने का निवेदन किया जा रहा है, ताकि समाज अपनी शक्ति और एकता का परिचय दे सके।

🤝 समाज में समानता और सम्मान पर ज़ोर,,

हालांकि, प्रचार-प्रसार के बीच भेदभाव पूर्वक व्यवहार की कुछ चर्चाएं भी सामने आई हैं। समाज के आयोजकों का यही प्रयास है कि इन विसंगतियों को दूर किया जाए। यह संदेश दिया जा रहा है कि सामाजिक कार्यक्रम में “ऊंचा-नीचा, छोटा-बड़ा” जैसे भेदभाव के लिए कोई जगह न हो। बड़े बुजुर्गों के सम्मान को ध्यान में रखते हुए, “सभी स्वजाति एक समान हैं” की विचारधारा के साथ समाज को एकजुट करने की आवश्यकता है।

👑 कलचुरी राजवंश का गौरवशाली इतिहास और राजनीतिक भागीदारी
इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ शासन के कई मंत्रियों के आने की संभावना है। समाज उन्हें कलचुरी राजवंश के गौरवशाली इतिहास से अवगत कराना चाहता है:

* मूल काल: कलचुरी राजवंश का इतिहास महिष्मति कृष्ण राज (550 ईस्वी से 576 ईस्वी) सदी से पढ़ाया जाता है।

* दक्षिण कोशल की राजधानी: यह राजवंश 1750 ईस्वी सदी तक दक्षिण कोशल की राजधानी रत्नपुर में स्थापित था।

* अंतिम शासक: रतनपुर के अंतिम राजा रघुनाथ सिंह जी थे।

* ऐतिहासिक प्रमाण: मंडला कोमो मण्डल को रतनपुर का मण्डल माना जाता है, जिसकी पुष्टि भोरमदेव एवं मंडला के शिल्प भी करते हैं।

 कटघोरा में हुए महत्वपूर्ण कार्य और आगामी घोषणाएं
इस महाकुंभ से पहले, 8 नवंबर 2024 भगवान सहस्त्रबाहु जयंती के अवसर पर  कटघोरा में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम हुआ था, जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में समाज ने विभिन्न विषयों पर चर्चा की थी:

* कलचुरी समाज का आराध्य देव का प्रतिमा एवं अस्पताल घोषणा: मुख्यमंत्री जी की उपस्थिति में भगवान सहस्त्रबाहु जी की प्रतिमा स्थापित करने और 100 बेड के अस्पताल की घोषणा की गई थी।

* भूमि पूजन: जडगा तुमान ऐतिहासिक नगरी के मुख्य मार्ग में मुख्यमंत्री जी की उपस्थिति में स्थान चयनित कर भगवान सहस्त्रबाहु जी का विशाल प्रतिमा एवं पुष्प वाटिका निर्माण का भूमि पूजन भी किया जा चुका है।

अब सबकी निगाहें माता महामाया की ऐतिहासिक नगरी रतनपुर में होने वाले 9 नवंबर 2025 के कार्यक्रम पर टिकी हैं। यह उम्मीद जताई जा रही है कि यहां कलचुरी काल के ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण और समाजिक कल्याण को लेकर विभिन्न महत्वपूर्ण घोषणाएं हो सकती हैं।

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
जन जन की आवाज़
Previous article
Next article
कोरबा में गौधाम योजना के तहत सड़क सुरक्षा और गौ-संरक्षण पर महत्वपूर्ण बैठक! 🐄 ​कोरबा, छत्तीसगढ़ ​छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशों के अनुसार, सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कोरबा जिले में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक उन असहाय, घूमंतू गौवंशों को नेशनल हाईवे से हटाकर गौठानों में सुरक्षित रखने की गौधाम योजना पर केंद्रित थी, जो अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। ​📍 उपसंचालक कार्यालय में हुआ मंथन ​कलेक्टर परिसर के उपसंचालक कार्यालय के सभागार में आयोजित इस बैठक में, पंजीकृत सामाजिक संस्थाओं के आवेदन पर विचार किया गया, जो इस नेक कार्य में सहयोग करने के इच्छुक हैं। ​💡 मुख्य बिंदु और महत्वपूर्ण जानकारी: ​डॉ. श्रीमती कल्पना मिश्रा ने गौधाम योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी। ​उन्होंने बताया कि पहले चरण में आवेदनकर्ता संस्थाओं को उनके निकटतम गौठानों से ही शुरुआत करनी होगी। ​गौ सेवा आयोग के जिलाध्यक्ष विनय सिंह ने योजना के संचालन को लेकर कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। ​सुरभि गौसेवा समिति लखनपुर के अध्यक्ष गुरमीत सिंह ने गौधाम योजना के संचालन और गौ-संरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। ​🤝 उपस्थित प्रमुख जन: ​इस महत्वपूर्ण बैठक में गौसेवा जिला सदस्य विजय कुमार अग्रवाल, गौ सेवा आयोग के जिलाध्यक्ष विनय सिंह, डॉ. श्रीमती कल्पना मिश्रा के साथ-साथ भुनेश्वर यादव, देवी गोपाल, मारुति पटेल करतला, अश्वनी कुमार, अनिल साहू, हरिनारायण कवर, शिव प्रकाश कवर, आयुष सक्सेना, विनोद जायसवाल, गणेश यादव, जगदीश कुमार, रामशरण सिंह पसान और संबंधित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। ​यह योजना न केवल मानव जीवन की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि असहाय गौवंश को सुरक्षित आश्रय प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

Must Read