पत्रकार की हत्या की साजिश: भ्रष्ट अधिकारियों और दलालों का गठजोड़ उजागर,,
सूरजपुर/अंबिकापुर, 05 अक्टूबर 2025 – सच्चाई की कलम चलाने वाले पत्रकारों पर खतरा मंडरा रहा है। ‘हिंद स्वराष्ट्र’ और ‘सिंधु स्वाभिमान’ के संपादक प्रशांत पांडेय ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई, तो तहसीलदार और जमीन दलालों ने उनकी हत्या की सुपारी दे दी। एक तथाकथित पत्रकार को किलर बनाया गया। अब आईजी सरगुजा रेंज से सुरक्षा की गुहार लगाई गई है।
घटना की पृष्ठभूमि: खबरों से शुरू हुई दुश्मनी लटोरी तहसीलदार का घोटाला:
संपादक पांडेय ने तहसीलदार सुरेंद्र पैकरा पर आरोप लगाते हुए रिपोर्ट प्रकाशित की। कहा गया कि उन्होंने कलेक्टर की अनुमति और पटवारी रिपोर्ट के बिना फर्जी रजिस्ट्री करवाई।
प्रशासनिक कार्रवाई: इन खबरों के बाद एसडीएम शिवानी जायसवाल ने तीन शो-कॉज नोटिस जारी किए, लेकिन जांच अब तक लंबित है।
दलालों की भूमिका: हरिपुर के संजय गुप्ता और उनके बेटे हरिओम गुप्ता पर मिलीभगत का आरोप। ये लोग लंबे समय से जमीन दलाली में सक्रिय हैं।
दूसरा बड़ा खुलासा: प्रधानमंत्री आवास योजना में धांधली
ग्राम सिरसी में घोटाला: भैयाथान ब्लॉक के सिरसी गांव में पीएम आवास योजना में अनियमितताओं का पर्दाफाश।
कार्रवाई का नतीजा: जिला प्रशासन ने रोजगार सहायक नईम अंसारी को बर्खास्त किया और अन्यों पर जांच शुरू की।
एक और मामला: देवानंद कुशवाहा की दो एकड़ जमीन उनके भाई बैजनाथ कुशवाहा के नाम कर दी गई। तहसीलदार संजय राठौर पर 5 लाख रिश्वत लेकर बैकडेटेड दस्तावेज बनाने का आरोप। जांच जारी।
साजिश का जाल: हत्या के तीन प्रयास
भ्रष्ट नेटवर्क ने पांडेय की जान लेने की योजना बनाई। शामिल लोग: नईम अंसारी के रिश्तेदार फिरोज अंसारी, बैजनाथ कुशवाहा के बेटे संदीप कुशवाहा, प्रेमचंद ठाकुर और अविनाश ठाकुर (गोलू)।
पहला प्रयास: सिरसी बुलाकर ट्रक से कुचलने की कोशिश। हरिओम गुप्ता ने दो बोलेरो और एक स्कॉर्पियो से पीछा किया, लेकिन परिवार साथ होने से टल गया।
दूसरा प्रयास: फिरोज ने साले असलम (शूटर) को बुलाया, लेकिन पांडेय उज्जैन महाकाल दर्शन चले गए।
तीसरा प्रयास: 20 सितंबर को बनारस मार्ग पर बाइक से लौटते वक्त गाड़ी से कुचलने की साजिश, लेकिन भीड़ के कारण विफल।
रहस्य का पर्दाफाश: ग्रामसभा में हुआ खुलासा
हरिपुर ग्राम पंचायत की सभा में आरोपियों के बीच झगड़ा।
संजय गुप्ता ने सुपारी देने की बात कबूल की और माफी मांगी।
हरिओम गुप्ता ने इनकार किया और ‘निर्णय करने’ की धमकी दी।
पीड़ित की अपील: सुरक्षा और कार्रवाई की मांग
पांडेय ने आईजी सरगुजा रेंज को दस्तावेज सौंपे, सुरक्षा और आरोपियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
गांधीनगर थाने में पेनड्राइव में सबूत देकर शिकायत दर्ज।
पत्रकार संगठनों ने राज्य सरकार से तत्काल सुरक्षा और हत्या की साजिश के तहत केस की मांग की।
चौंकाने वाला मोड़: नकली पत्रकारों की भूमिका
फिरोज अंसारी जैसे तथाकथित पत्रकारों ने प्रशासनिक सूचना के बहाने पांडेय को फंसाने की कोशिश की। यह प्रकरण दिखाता है कि भ्रष्ट अधिकारी, दलाल और फर्जी पत्रकार मिलकर पत्रकारिता को दबाने की कोशिश कर रहे हैं।
मुख्य तथ्य एक नजर में:
भ्रष्ट तहसीलदारों और दलालों की साजिश।
हत्या के तीन असफल प्रयास।
बालग्रामसभा में कबूलनामा।
पुलिस और आईजी से सुरक्षा की अपील।
यह घटना सवाल उठाती है: जब सत्य लिखने वाले असुरक्षित होंगे, तो लोकतंत्र की रक्षा कौन करेगा? जांच जारी है, लेकिन पत्रकार समुदाय में आक्रोश बढ़ रहा है।

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