छत्तीसगढ़ में सियासी भूचाल: पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर का अल्टीमेटम – ‘3 दिन में कोरबा कलेक्टर न हटे तो सड़कों पर धरना, हिटलरशाही का आरोप’,,
रायपुर, 23 सितंबर 2025 छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के भीतर दरार का नया अध्याय लिखा गया है, जब वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर ने अपनी ही सरकार को खुली चुनौती दे दी। कोरबा जिले के कलेक्टर अजीत वसंत पर ‘हिटलरशाही’ और संवैधानिक पद के दुरुपयोग का गंभीर आरोप लगाते हुए कंवर ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर तीन दिनों के भीतर उनका तबादला करने की मांग की है। यदि ऐसा न हुआ, तो वे शासन-प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर उतरकर धरना देंगे। इस बयान ने न केवल राज्य की राजनीति को हिला दिया है, बल्कि भाजपा के आंतरिक कलह को भी उजागर कर दिया है।
कलेक्टर पर गंभीर आरोप: ‘हिटलरशाही’ और कार्यकर्ताओं पर अत्याचार
ननकी राम कंवर, जो कोरबा जिले से ही भाजपा के दिग्गज नेता हैं, ने चार पन्नों के अपने पत्र में कलेक्टर अजीत वसंत पर कई संगीन आरोप लगाए हैं। उन्होंने कलेक्टर को ‘हिटलर प्रशासक’ करार देते हुए कहा कि वे जिले में तानाशाहीपूर्ण तरीके से शासन चला रहे हैं। कंवर के अनुसार, कलेक्टर ने भाजपा कार्यकर्ताओं के मोबाइल फोन तोड़े हैं, उनके पेट्रोल पंप सील कराए हैं और स्थानीय लोगों को निशाना बनाया है। इसके अलावा, स्व-सहायता समूहों की महिलाओं के बकायेदारों पर कार्रवाई, अवैध खनन और परिवहन की शिकायतें केंद्र सरकार तक पहुंचाई गई हैं, लेकिन राज्य स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
कंवर ने पत्र में स्पष्ट चेतावनी दी है: “यदि तीन दिनों के भीतर कलेक्टर अजीत वसंत को पद से हटा नहीं दिया गया, तो मैं सड़कों पर उतरकर धरना दूंगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।” यह बयान रायपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया गया, जहां कंवर ने कहा कि वे लोकसेवक के रूप में जनता के हितों की रक्षा के लिए किसी भी कदम से पीछे नहीं हटेंगे,
यह पहली बार नहीं है जब ननकी राम कंवर और कलेक्टर अजीत वसंत के बीच टकराव सामने आया है। पिछले महीनों में भी अतिक्रमण हटाने और फेसबुक पोस्ट को लेकर विवाद हो चुका है, जहां कंवर ने अधिकारियों पर ‘जूते से मारने’ जैसी धमकी तक दी थी। कलेक्टर अजीत वसंत, जो 2013 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और जनवरी 2024 से कोरबा के कलेक्टर हैं, पर भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के आरोप लगाए गए हैं।
सीएम साय की प्रतिक्रिया: जांच के बाद ही फैसला,,
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस विवाद पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आरोपों की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा, “ननकी राम कंवर ने अल्टीमेटम दिया है, लेकिन हम उनके आरोपों पर जांच कराएंगे। जांच के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।” साय ने कंवर को पार्टी का वरिष्ठ नेता बताते हुए उनकी भावनाओं का सम्मान करने का भरोसा दिलाया।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने भी मामले पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “ननकी राम कंवर हमारे वरिष्ठ नेता हैं। मुख्यमंत्री उनकी भावनाओं को समझेंगे और उनसे बातचीत करेंगे।” यह बयान भाजपा के आंतरिक समन्वय की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
भाजपा में बढ़ता आंतरिक कलह: कोरबा का पुराना विवाद
ननकी राम कंवर का यह कदम छत्तीसगढ़ भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण है। कंवर, जो आदिवासी समुदाय के प्रमुख चेहरे हैं, पहले भी सरकार की नीतियों पर खुलकर बयानबाजी कर चुके हैं। नक्सलवाद पर केंद्र सरकार की आलोचना से लेकर स्थानीय मुद्दों पर उनकी मुखरता पार्टी के लिए दोहरी तलवार साबित हो रही है। कोरबा, जो ऊर्जा केंद्र के रूप में जाना जाता है, अवैध खनन और भूमि विवादों से जूझ रहा है, और यह टकराव इन मुद्दों को और गहरा सकता है।
विपक्ष कांग्रेस ने इस मौके को लपक लिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार में आंतरिक कलह साफ दिख रहा है, और जनता के मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय नेता आपस में उलझ रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि कंवर ने धरना दिया, तो यह राज्य सरकार के लिए बड़ा संकट बन सकता है, खासकर आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए।
क्या होगा अगला कदम,
तीन दिनों का अल्टीमेटम 25 सितंबर को समाप्त हो जाएगा। इस बीच, जिला प्रशासन ने आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन उच्च स्तरीय बैठकें चल रही हैं। ग्रामीण और भाजपा कार्यकर्ता कंवर के समर्थन में उतर आए हैं, जबकि कुछ पार्टी नेता इसे ‘व्यक्तिगत रोष’ बता रहे हैं।
यह विवाद न केवल प्रशासनिक सुधार की मांग करता है, बल्कि भाजपा की एकजुटता पर भी सवाल खड़े करता है। क्या सरकार कलेक्टर को हटाएगी या कंवर को मनाएगी? सभी की नजरें अब सीएम साय के अगले फैसले पर टिकी हैं।

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