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पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम पंचायत परला में शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाया गया: ग्राम पंचायत भवन और उचित मूल्य दुकान के लिए मुक्त हुई जमीन,,,

पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम पंचायत परला में शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाया गया: ग्राम पंचायत भवन और उचित मूल्य दुकान के लिए मुक्त हुई जमीन,,,

कोरबा, 19 जुलाई 2025: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम पंचायत परला में शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सफलतापूर्वक पूरी की गई है। यह कार्रवाई ग्राम पंचायत द्वारा पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 56 के तहत की गई, जिसके अंतर्गत ग्राम पंचायत को अपने क्षेत्र की शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने का अधिकार प्राप्त है। इस कार्रवाई से ग्राम पंचायत भवन और शासकीय उचित मूल्य की दुकान (राशन दुकान) के निर्माण के लिए प्रस्तावित भूमि को मुक्त कराया गया है।
अतिक्रमण का विवरण
पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम पंचायत परला के प. ह. नंबर 26, खसरा नंबर 219/1, रकबा लगभग 0.405 हेक्टेयर की शासकीय भूमि पर ग्राम पंचायत द्वारा भवन निर्माण और उचित मूल्य की दुकान स्थापित करने का प्रस्ताव था। इस भूमि पर ग्राम परला के निवासी भोलाराम उरांव, पिता कांशीराम द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण किया गया था। अतिक्रमण के कारण ग्राम पंचायत के प्रस्तावित विकास कार्य बाधित हो रहे थे, जिससे स्थानीय समुदाय को सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था।


ग्राम पंचायत की कार्रवाई
ग्राम पंचायत परला ने अतिक्रमण को हटाने के लिए भोलाराम उरांव को पर्याप्त समय और नोटिस प्रदान किया था। पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 56 के तहत ग्राम पंचायत को शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने और कब्जाधारी से जुर्माना वसूलने का अधिकार है। इसके बावजूद, भोलाराम उरांव द्वारा अतिक्रमण नहीं हटाया गया।
लंबे समय तक कोई प्रतिक्रिया न मिलने के बाद, ग्राम पंचायत ने कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई शुरू की। इस कार्रवाई में अतिक्रमण को हटाकर शासकीय भूमि को मुक्त कराया गया, ताकि ग्राम पंचायत भवन और उचित मूल्य की दुकान के निर्माण का कार्य शुरू हो सके।


कार्रवाई में शामिल लोग
अतिक्रमण हटाने की इस कार्रवाई में ग्राम पंचायत परला के निम्नलिखित प्रतिनिधि और अधिकारी शामिल थे:
सरपंच और उपसरपंच: ग्राम पंचायत के नेतृत्व में यह कार्रवाई सुनिश्चित की गई।
वार्ड पंच: स्थानीय वार्ड प्रतिनिधियों ने कार्रवाई में सक्रिय सहयोग दिया।
ग्राम के पटेल और ग्रामवासी: स्थानीय समुदाय ने इस कार्रवाई का समर्थन किया और उपस्थित रहकर इसे पारदर्शी बनाया।
पुलिस बल: चौकी मोरगा से पुलिस बल ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहायता की।
राजस्व पटवारी और कोटवार: राजस्व विभाग के अधिकारियों ने भूमि रिकॉर्ड और प्रक्रिया की वैधानिकता सुनिश्चित की।
कानूनी आधार: पंचायती राज अधिनियम 1993
पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 56 और 56(2) के तहत ग्राम पंचायत को अपने क्षेत्र की शासकीय भूमि पर अतिक्रमण हटाने का अधिकार है। इसके साथ ही, अतिक्रमण हटाने में होने वाले व्यय को कब्जाधारी से वसूलने और जुर्माना लगाने का प्रावधान भी है। इस कार्रवाई में ग्राम पंचायत ने पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया का पालन किया, जिसमें अतिक्रमणकर्ता को नोटिस जारी करना और पर्याप्त समय देना शामिल था।
कार्रवाई का महत्व
यह कार्रवाई ग्राम पंचायत परला और पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है:
विकास कार्यों का मार्ग प्रशस्त: मुक्त की गई शासकीय भूमि पर अब ग्राम पंचायत भवन और उचित मूल्य की दुकान का निर्माण हो सकेगा। यह ग्रामवासियों के लिए प्रशासनिक सेवाओं और राशन वितरण की सुविधा को बेहतर बनाएगा।
अवैध अतिक्रमण पर रोक: इस कार्रवाई से अन्य संभावित अतिक्रमणकर्ताओं को कड़ा संदेश गया है कि शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
स्थानीय समुदाय का लाभ: उचित मूल्य की दुकान के निर्माण से ग्रामवासियों को राशन और अन्य आवश्यक वस्तुएँ आसानी से उपलब्ध होंगी, जिससे उनकी निर्भरता बाहरी क्षेत्रों पर कम होगी।
कानूनी प्रक्रिया की मजबूती: इस कार्रवाई ने पंचायती राज अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन को दर्शाया है, जिससे ग्राम पंचायतों के अधिकारों को और मजबूती मिलेगी।
पोड़ी उपरोड़ा में अतिक्रमण की समस्या
पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण की समस्या कोई नई नहीं है। इससे पहले भी इस क्षेत्र में अवैध कब्जे की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। उदाहरण के लिए, ग्राम पंचायत पोंडी में शत्रु पाली और पवन केशरवानी द्वारा शासकीय भूमि पर मकान निर्माण की शिकायत दर्ज की गई थी, लेकिन उस पर कार्रवाई में देरी हुई थी। इस बार परला में त्वरित कार्रवाई से ग्राम पंचायत ने एक मिसाल कायम की है।
प्रशासनिक चुनौतियाँ
पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक में अतिक्रमण की समस्याएँ प्रशासनिक चुनौतियों से भी जुड़ी हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग में अधिकारियों की कमी और प्रभार वाली प्रथा के कारण प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही प्रभावित होती है। स्थायी तहसीलदारों और राजस्व अधिकारियों की नियुक्ति इस तरह की समस्याओं को और प्रभावी ढंग से हल करने में मदद कर सकती है।
आगे की राह
ग्राम पंचायत परला की इस कार्रवाई से न केवल प्रस्तावित विकास कार्यों को गति मिलेगी, बल्कि यह अन्य ग्राम पंचायतों के लिए भी प्रेरणा बनेगी। शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त रखने के लिए निम्नलिखित कदम महत्वपूर्ण हो सकते हैं:
नियमित सर्वेक्षण: ग्राम पंचायतों को प्रतिवर्ष जनवरी और जुलाई में अतिक्रमण का सर्वेक्षण करने के लिए समिति गठित करनी चाहिए, जैसा कि राजस्थान पंचायती राज नियम 1996 में सुझाया गया है।
नोटिस और कार्रवाई: अतिक्रमणकर्ताओं को समयबद्ध नोटिस जारी कर कानूनी प्रक्रिया का पालन करना।
पुलिस और राजस्व विभाग का सहयोग: ऐसी कार्रवाइयों में पुलिस और राजस्व अधिकारियों की उपस्थिति से प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाया जा सकता है।
जागरूकता अभियान: ग्रामवासियों को शासकीय भूमि के महत्व और अवैध अतिक्रमण के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करना।
निष्कर्ष
ग्राम पंचायत परला में शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल स्थानीय विकास को गति देगा, बल्कि कानून के शासन और पंचायती राज व्यवस्था की मजबूती को भी दर्शाता है। भोलाराम उरांव द्वारा किए गए अवैध अतिक्रमण को हटाकर ग्राम पंचायत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शासकीय संपत्ति का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस कार्रवाई में सरपंच, उपसरपंच, वार्ड पंच, ग्रामवासी, पुलिस, और राजस्व अधिकारियों की संयुक्त भागीदारी ने इसे पारदर्शी और प्रभावी बनाया।
शासन और प्रशासन को अब इस तरह की कार्रवाइयों को प्रोत्साहित करने और अन्य ग्राम पंचायतों में भी अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है। यह न केवल ग्रामीण विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि शासकीय भूमि के संरक्षण और जनहित के लिए इसके उपयोग को सुनिश्चित करेगा।

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
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