कोरबा में कलेक्टर का सख्त फरमान: DMF कार्यों का टेंडर समय पर पूरा करें, पुराने छात्रावासों में अधीक्षक आवास के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश,,
कोरबा, छत्तीसगढ़: कोरबा जिले के कलेक्टर अजीत वसंत ने मंगलवार, 22 जुलाई 2025 को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित समय सीमा (TL) की बैठक में विभिन्न विभागों के कार्यों की गहन समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने निर्माण एजेंसियों, जनपद पंचायतों, नगर निगम, और अन्य विभागों को सख्त निर्देश जारी किए। कलेक्टर ने जिला खनिज न्यास (DMF) के तहत स्वीकृत कार्यों के टेंडर समय पर पूर्ण करने, पुराने छात्रावासों में अधीक्षक आवास की कमी को दूर करने, और आयुष्मान भारत व व्यवन्दन कार्ड से वंचित हितग्राहियों को लाभान्वित करने के लिए 15 दिनों के भीतर शिविर आयोजित करने जैसे महत्वपूर्ण निर्देश दिए। बैठक में डीएफओ कटघोरा कुमार निशांत सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
DMF कार्यों के टेंडर में समयबद्धता पर जोर
कलेक्टर अजीत वसंत ने डीएमएफ के तहत प्रस्तावित विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्माण एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए कि वे टेंडर प्रक्रिया को समय सीमा के भीतर पूरा करें। उन्होंने सितंबर 2025 से इन कार्यों को शुरू करने की योजना बनाकर कार्य शुरू करने की बात कही। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और निर्माण कार्यों को प्राथमिकता के साथ समय पर पूर्ण करना सुनिश्चित किया जाए। यह निर्देश जिले में खनिज न्यास निधि के उपयोग से होने वाले बुनियादी ढांचे के विकास, जैसे सड़क, स्कूल भवन, और अन्य सामुदायिक परियोजनाओं को गति देने के लिए महत्वपूर्ण है।
पुराने छात्रावासों में अधीक्षक आवास की कमी पर ध्यान
बैठक में पुराने छात्रावासों की स्थिति पर भी चर्चा हुई। कलेक्टर ने सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग को निर्देश दिए कि वे उन सभी छात्रावासों की सूची तैयार करें, जहां अधीक्षक आवास की सुविधा उपलब्ध नहीं है। साथ ही, इन छात्रावासों में अधीक्षक आवास निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा गया। यह कदम छात्रावासों में रहने वाले छात्र-छात्राओं की सुरक्षा और बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, क्योंकि अधीक्षक आवास की कमी के कारण कई बार प्रशासनिक और सुरक्षा संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
आयुष्मान और व्यवन्दन कार्ड: 15 दिनों में शिविर आयोजित करने के निर्देश
कलेक्टर ने आयुष्मान भारत और व्यवन्दन कार्ड से संबंधित प्रगति की समीक्षा की और पाया कि कई पात्र हितग्राही अभी भी इन योजनाओं से वंचित हैं। उन्होंने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शिविर आयोजित कर इन हितग्राहियों का आधार अपडेशन और कार्ड निर्माण कार्य 15 दिनों के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस कार्य में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों (सीईओ), नगर निगम, और अनुविभागीय दंडाधिकारियों (एसडीएम) को सहयोग करने को कहा गया।
कलेक्टर ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि यदि कोई हितग्राही कार्ड से वंचित रहता है, तो संबंधित अधिकारी को इसके लिए पर्याप्त कारण प्रस्तुत करना होगा। इसके साथ ही, आधार अपडेशन में सहयोग न करने वाले ऑपरेटरों की आईडी ब्लॉक करने के भी निर्देश दिए गए। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि सभी पात्र व्यक्तियों को आयुष्मान भारत और व्यवन्दन योजनाओं का लाभ समय पर मिले, जो स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।
स्कूलों और आंगनबाड़ियों में गैस उपयोग पर जोर
कलेक्टर ने स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में संचालित रसोई में गैस का उपयोग सुनिश्चित करने और समय पर गैस सिलेंडर रिफिलिंग कराने के निर्देश दिए। यह कदम बच्चों और लाभार्थियों को सुरक्षित और स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराने के लिए उठाया गया है। उन्होंने सभी एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्रों में नियमित निरीक्षण करने और इसकी अनुपालना सुनिश्चित करने को कहा।
पुराने लंबित प्रकरणों का निराकरण
कलेक्टर ने जनपद पंचायतों के अंतर्गत लंबित प्रकरणों की समीक्षा की और विशेष रूप से वर्ष 2020 से पहले स्वीकृत कार्यों, जैसे स्कूल भवनों और अन्य निर्माण कार्यों, की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने जनपद सीईओ को निर्देश दिए कि वे इन कार्यों का परीक्षण करें और अधूरे भवनों की स्थिति का आकलन करें। यदि कोई भवन जर्जर हो गया है या वसूली प्रकरण से संबंधित है, तो इसके लिए प्रकरण दर्ज कर संशोधित अनुमान (रिवाइज्ड स्टीमेट) तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा गया। यह कदम अधूरे पड़े विकास कार्यों को पूर्ण करने और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग की समीक्षा
बैठक में स्वास्थ्य और शिक्षा विभागों के लंबित प्रकरणों पर भी चर्चा हुई। कलेक्टर ने इन विभागों को अपने कार्यों में तेजी लाने और लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को जवाबदेही के साथ कार्य करने और जनहित को प्राथमिकता देने की हिदायत दी।
सामाजिक और प्रशासनिक संदर्भ
यह बैठक कोरबा जिले में हाल ही में हुई त्रासदियों, जैसे रायगढ़ में हाथी हमले और कोरबा में महिला पंचायत सचिव की रहस्यमयी मौत, के परिप्रेक्ष्य में भी महत्वपूर्ण है। जहाँ एक ओर जिले में प्राकृतिक और सामाजिक चुनौतियाँ सामने आ रही हैं, वहीं कलेक्टर का यह सख्त रुख प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और समयबद्धता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डीएमएफ निधि का उपयोग, आयुष्मान और व्यवन्दन कार्ड जैसे सामाजिक कल्याण कार्यक्रम, और शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार जिले के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
निष्कर्ष
कलेक्टर अजीत वसंत की इस समय सीमा बैठक ने कोरबा जिले में विकास कार्यों और सामाजिक कल्याण योजनाओं को गति देने की दिशा में ठोस दिशा-निर्देश प्रदान किए। डीएमएफ के तहत निर्माण कार्यों को समय पर पूरा करना, पुराने छात्रावासों में अधीक्षक आवास की व्यवस्था, और आयुष्मान व व्यवन्दन कार्ड से वंचित हितग्राहियों को लाभान्वित करना जैसे कदम जिले के विकास और जनकल्याण को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं। कलेक्टर के सख्त निर्देशों से यह स्पष्ट है कि प्रशासन अब किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा और सभी विभागों को जवाबदेही के साथ कार्य करना होगा। यह कदम न केवल प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाएंगे, बल्कि आम जनता के लिए बेहतर सुविधाएँ और सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी सहायक होंगे।

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