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भ्रष्टाचार पर बड़ा एक्शन: कोरबा में पूर्व सरपंच और सचिव से ₹16.50 लाख की होगी रिकवरी, जिला सीईओ ने दिए आदेश

भ्रष्टाचार पर बड़ा एक्शन: कोरबा में पूर्व सरपंच और सचिव से ₹16.50 लाख की होगी रिकवरी, जिला सीईओ ने दिए आदेश,,

कोरबा: जिले की पंचायतों में वित्तीय अनियमितताओं पर सख्त रुख अपनाते हुए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) दिनेश नाग ने एक बड़ा रिकवरी आदेश जारी किया है। यह आदेश ग्राम पंचायत पोड़ी (जनपद पंचायत पाली) के तत्कालीन सरपंच और सचिव मोहन कौशिक से कुल ₹16,49,688 (लगभग 16.50 लाख रुपये) की राशि वसूलने के संबंध में है।

गबन और अनियमितता का मामला

​मामला ग्राम पंचायत पोड़ी का है, जहां वर्ष 2011-12 से 2014-15 की अवधि में स्वीकृत कार्यों के तहत कुल ₹34 लाख 61 हजार 972 रुपये की राशि अवैध तरीके से आहरित की गई थी। जांच में पता चला कि इसमें से ₹18 लाख 12 हजार 284 रुपये तो नियमित पाए गए, लेकिन शेष ₹16 लाख 49 हजार 688 रुपये का सीधा गबन किया गया।

​जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से इस अनियमित आहरण को तत्कालीन सचिव मोहन कौशिक और पूर्व सरपंच की मिलीभगत बताया है। सीईओ दिनेश नाग ने इस रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए तत्काल प्रभाव से दोनों से सरकारी खजाने को हुए इस नुकसान की भरपाई के लिए रिकवरी के निर्देश दिए हैं।

स्थानांतरण को लेकर भी था विवाद

​यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब सचिव मोहन कौशिक पहले से ही अपनी मनमानी और कार्य में लापरवाही को लेकर सुर्खियों में थे। मोहन कौशिक पर ग्राम पंचायत तानाखार (जनपद पोड़ी-उपरोड़ा) में पदस्थ रहते हुए अनियमितता और लंबी अनुपस्थिति का आरोप था। पंचायत प्रतिनिधियों ने जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. पवन सिंह के नेतृत्व में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर शिकायत की थी कि कौशिक 65 किलोमीटर दूर से आना-जाना करते हैं और महीनों पंचायत में मौजूद नहीं रहते।

​कलेक्टर के निर्देश पर सीईओ नाग ने कौशिक का स्थानांतरण तानाखार से दम्हामुड़ा कर दिया था। इस पर सचिव संघ ने सीईओ को गुमराह करते हुए ज्ञापन सौंपा और स्थानांतरण न रोकने पर ‘कलमबंद हड़ताल’ की धमकी दी थी। हालांकि, सीईओ ने संघ को जांच का आश्वासन दिया, और जांच में मोहन कौशिक की हठधर्मिता और ड्यूटी से लगातार गैरहाजिरी की पुष्टि हुई।

​इसके बाद, जब कौशिक ने अपने स्थानांतरण को रुकवाने के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. पवन सिंह से संपर्क किया, तो स्थानीय ग्रामीणों से सच्चाई जानने के बाद डॉ. सिंह ने भी उनकी मदद करने से इनकार कर दिया। अब पोड़ी पंचायत के गबन मामले में रिकवरी का आदेश आने से कौशिक पर प्रशासनिक शिकंजा और कस गया है। यह कार्रवाई भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एक कड़ा संदेश है।

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
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