चिरमिरी-कटघोरा स्टेट हाईवे: नाले में तब्दील सड़क, जानलेवा गड्ढों से रोजाना दुर्घटनाएं, लोक निर्माण विभाग की उदासीनता,,
कोरबा कटघोरा ——– पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड के अंतर्गत कोरबी-चोटिया-चिरमिरी स्टेट हाईवे की स्थिति अत्यंत दयनीय हो चुकी है। यह मार्ग, जो छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले को उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के साथ-साथ जिले के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB), कोरिया, बैकुंठपुर, और सूरजपुर से जोड़ता है, अब नाले और जानलेवा गड्ढों में तब्दील हो चुका है। खासकर ग्राम फुलसर के पास विश्वकर्मा वेल्डिंग के सामने सड़क की हालत इतनी खराब है कि बरसात का पानी खेतों से तेज बहाव के साथ बहकर सड़क को काट चुका है, जिसके कारण बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। इन गड्ढों के कारण रोजाना बाइक और कार सवार दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं, जिससे क्षेत्रवासियों में भय और आक्रोश का माहौल है।
सड़क की जर्जर स्थिति: जानलेवा गड्ढे और दुर्घटनाएं,,
चिरमिरी-चोटिया स्टेट हाईवे, जो क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण परिवहन मार्ग है, अब अपनी बदहाल स्थिति के कारण लोगों के लिए खतरे का पर्याय बन गया है। ग्राम फुलसर के पास विश्वकर्मा वेल्डिंग के सामने सड़क पर बने गड्ढे इतने गहरे और खतरनाक हैं कि ये किसी भी समय बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। बरसात के मौसम में खेतों से बहकर आने वाला पानी सड़क को काटकर नाले जैसी स्थिति बना देता है। इस क्षेत्र में सड़क की सतह पूरी तरह उखड चुके हैं,
दुर्घटनाग्रस्त कार
चिरमिरी- चोटिया स्टेट हाईवे: नाले में तब्दील सड़क, जानलेवा गड्ढों से रोजाना दुर्घटनाएं, लोक निर्माण विभाग की उदासीनता
कोरबा जिले के कटघोरा तहसील और पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड के अंतर्गत कोरबी-चोटिया-चिरमिरी स्टेट हाईवे की स्थिति अत्यंत दयनीय हो चुकी है। यह मार्ग, जो छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले को उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के साथ-साथ जिले के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB), कोरिया, बैकुंठपुर, और सूरजपुर से जोड़ता है, अब नाले और जानलेवा गड्ढों में तब्दील हो चुका है। खासकर ग्राम फुलसर के पास विश्वकर्मा वेल्डिंग के सामने सड़क की हालत इतनी खराब है कि बरसात का पानी खेतों से तेज बहाव के साथ बहकर सड़क को काट चुका है, जिसके कारण बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। इन गड्ढों के कारण रोजाना बाइक और कार सवार दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं, जिससे क्षेत्रवासियों में भय और आक्रोश का माहौल है।
सड़क की जर्जर स्थिति: जानलेवा गड्ढे और दुर्घटनाएं
चिरमिरी-चोटिया स्टेट हाईवे, जो क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण परिवहन मार्ग है, अब अपनी बदहाल स्थिति के कारण लोगों के लिए खतरे का पर्याय बन गया है। ग्राम फुलसर के पास विश्वकर्मा वेल्डिंग के सामने सड़क पर बने गड्ढे इतने गहरे और खतरनाक हैं कि ये किसी भी समय बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। बरसात के मौसम में खेतों से बहकर आने वाला पानी सड़क को काटकर नाले जैसी स्थिति बना देता है। इस क्षेत्र में सड़क की सतह पूरी तरह उखड़ चुकी है, और गड्ढों में पानी भर जाने से ये और भी खतरनाक हो गए हैं।
रोजाना इस मार्ग से गुजरने वाले बाइक सवार और कार चालक इन गड्ढों के कारण असंतुलित होकर गिर रहे हैं। छोटी-मोटी दुर्घटनाएं तो आम हो गई हैं, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते मरम्मत नहीं की गई, तो यह मार्ग किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है। खासकर रात के समय, जब दृश्यता कम होती है, इन गड्ढों को देख पाना मुश्किल होता है, जिससे दुर्घटना की आशंका और बढ़ जाती है।
लोक निर्माण विभाग की उदासीनता
इस मार्ग की खराब स्थिति के बारे में स्थानीय लोगों ने लोक निर्माण विभाग (PWD) को कई बार सूचित किया है। ग्रामीणों और नियमित यात्रियों ने इस समस्या को लेकर लिखित और मौखिक शिकायतें दर्ज की हैं, लेकिन विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। यह उदासीनता क्षेत्रवासियों के लिए निराशाजनक है, क्योंकि यह मार्ग न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि पड़ोसी राज्यों और जिलों के लिए भी महत्वपूर्ण है।
लोक निर्माण विभाग की लापरवाही का एक उदाहरण यह भी है कि कोरबा-चाम्पा-कटघोरा मार्ग, जो पहले PWD के अधीन था और अब राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित हो चुका है, उसकी मरम्मत के लिए केंद्र सरकार द्वारा पर्याप्त राशि आवंटित की गई थी। फिर भी, दो साल बाद भी मरम्मत कार्य शुरू नहीं हुआ है। इस संबंध में रामपुर क्षेत्र के भाजपा विधायक और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर मरम्मत की मांग की थी। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने 15 दिनों में मरम्मत का आश्वासन दिया था, लेकिन कोई प्रगति नहीं हुई।
क्षेत्र में सड़कों का विकास और विडंबना
कोरबा जिला, जो औद्योगिक नगरी और कोयलाधानी के रूप में जाना जाता है, में सड़कों का जाल बिछ चुका है। नदी-नालों और पहाड़ी क्षेत्रों तक सड़कें बनाई गई हैं, और कई जगहों पर तो सड़क के ऊपर सड़क बनाकर विकास की गाथा लिखी जा रही है। फिर भी, चिरमिरी-कटघोरा जैसे महत्वपूर्ण स्टेट हाईवे की उपेक्षा समझ से परे है। यह मार्ग न केवल स्थानीय लोगों के लिए आवागमन का प्रमुख साधन है, बल्कि यह कोरबा को मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, बैकुंठपुर, और सूरजपुर जैसे क्षेत्रों से जोड़ता है, साथ ही उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लिए भी महत्वपूर्ण कड़ी है।
इस मार्ग की खराब स्थिति न केवल स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब है, बल्कि यह क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी प्रभावित कर रही है। कोरबा-चाम्पा राष्ट्रीय राजमार्ग की जर्जर स्थिति के कारण राइस मिलर्स और अन्य लघु उद्योगों को आर्थिक नुकसान हो रहा है, जैसा कि राइस मिलर्स संघ ने अपनी शिकायत में उल्लेख किया है। इसी तरह, चिरमिरी-कटघोरा मार्ग की खराब स्थिति भी स्थानीय व्यापार और परिवहन को प्रभावित कर रही है।
दुर्घटनाओं का बढ़ता ग्राफ
कोरबा जिला सड़क दुर्घटनाओं के लिए पहले से ही बदनाम रहा है। कटघोरा-अंबिकापुर नेशनल हाईवे पर हुए कई भीषण हादसों ने इस क्षेत्र की ट्रैफिक व्यवस्था की कमियों को उजागर किया है। उदाहरण के लिए, 2022 में कटघोरा-अंबिकापुर हाईवे पर एक कार और ट्रक की टक्कर में तीन लोगों की मौत हो गई थी। 2023 में भी इसी जिले में एक कार और ट्रक की टक्कर में एक सब-इंस्पेक्टर और उनके परिवार के चार सदस्यों की जान चली गई थी। यातायात विभाग के अनुसार, कोरबा जिले में अब तक 246 लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं, और 519 लोग घायल हुए हैं। खराब सड़कों, अपर्याप्त ट्रैफिक प्रबंधन, और बिना फिटनेस वाली गाड़ियों का संचालन इसके प्रमुख कारण हैं।
चिरमिरी-चोटिया मार्ग पर ग्राम फुलसर के पास की स्थिति भी इस बढ़ते दुर्घटना ग्राफ को और गंभीर बना रही है। स्थानीय लोग बताते हैं कि बरसात के मौसम में सड़क पर पानी भर जाने से गड्ढे दिखाई नहीं देते, जिसके कारण बाइक सवार और कार चालक असंतुलित होकर गिर जाते हैं। यह स्थिति खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों, महिलाओं, और बुजुर्गों के लिए जोखिम भरी है।
स्थानीय लोगों की मांग और समाधान की जरूरत
स्थानीय लोगों ने इस मार्ग की मरम्मत के लिए बार-बार जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग से गुहार लगाई है। उनकी मांग है कि सड़क को तत्काल डामर या सीसी (कंक्रीट) से पक्का किया जाए ताकि यह सुरक्षित और टिकाऊ बन सके। इसके अलावा, निम्नलिखित कदम इस समस्या के समाधान में मदद कर सकते हैं:
तत्काल मरम्मत कार्य: ग्राम फुलसर के पास
विश्वकर्मा वेल्डिंग के सामने बने गड्ढों की तत्काल मरम्मत की जाए। सड़क की लेवलिंग और ड्रेनेज सिस्टम को ठीक किया जाए ताकि बरसात का पानी सड़क को नुकसान न पहुंचाए।
बैरिकेडिंग और चेतावनी बोर्ड: खतरनाक स्थानों पर बैरिकेड्स और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं ताकि रात में या कम दृश्यता के समय दुर्घटनाएं रोकी जा सकें।
नियमित निरीक्षण: लोक निर्माण विभाग को नियमित रूप से सड़कों का निरीक्षण करना चाहिए और मरम्मत कार्यों की प्रगति की निगरानी करनी चाहिए।
जिला खनिज निधि (DMF) का उपयोग: कोरबा जिले में DMF के तहत सड़क मरम्मत के लिए राशि उपलब्ध है। इस राशि का उपयोग चिरमिरी-कटघोरा मार्ग की मरम्मत के लिए किया जाए।
स्थानीय भागीदारी: ग्रामीणों और स्थानीय नेताओं को मरम्मत कार्यों की योजना और निगरानी में शामिल किया जाए ताकि कार्य समय पर और गुणवत्तापूर्ण हो।
ट्रैफिक प्रबंधन: यातायात विभाग को इस मार्ग पर स्पीड मापने वाले उपकरण और नियमित गश्त की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि बिना फिटनेस वाली गाड़ियों पर रोक लगे।
निष्कर्ष
चिरमिरी-चोटिया स्टेट हाईवे की जर्जर स्थिति न केवल स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का कारण है, बल्कि यह क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बाधित कर रही है। ग्राम फुलसर के पास विश्वकर्मा वेल्डिंग के सामने सड़क की हालत इतनी खराब है कि यह नाले में तब्दील हो चुकी है, और रोजाना होने वाली दुर्घटनाएं लोगों की जान को जोखिम में डाल रही हैं। लोक निर्माण विभाग और जिला प्रशासन की उदासीनता इस समस्या को और गंभीर बना रही है। जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग को तत्काल कार्रवाई करनी होगी ताकि इस मार्ग को सुरक्षित और सुगम बनाया जा सके। यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए राहत लाएगा, बल्कि कोरबा जिले को पड़ोसी राज्यों और जिलों से जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण मार्ग की गरिमा को भी बहाल करेगा। यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो यह मार्ग किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। क्षेत्रवासियों की मांग है कि इस सड़क को जल्द से जल्द मरम्मत कर सुविधा बहाल करें,,

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