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कोरबी चोटिया हाई सेकेंडरी आत्मानंद विद्यालय: अव्यवस्थाओं और शिक्षक कमी का दंश, सैकड़ों छात्रों का भविष्य अधर में,,

कोरबी चोटिया हाई सेकेंडरी आत्मानंद विद्यालय: अव्यवस्थाओं और शिक्षक कमी का दंश, सैकड़ों छात्रों का भविष्य अधर में,,

कोरबा, छत्तीसगढ़: पोडी-उपरोड़ा क्षेत्र के कोरबी चोटिया हाई सेकेंडरी आत्मानंद विद्यालय में अव्यवस्थाओं और संसाधनों की कमी ने शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से चरमरा दिया है। यह विद्यालय, जो हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यमों में संचालित होता है, विशेष रूप से अंग्रेजी माध्यम वाला आत्मानंद स्कूल, भगवान भरोसे चल रहा है। लगभग 400 छात्र-छात्राओं की दर्ज संख्या के बावजूद केवल चार शिक्षक उपलब्ध हैं, जिसके कारण पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। अभिभावक अपने बच्चों का भविष्य बचाने के लिए मजबूरन टीसी कटवाकर उन्हें अन्य स्कूलों में दाखिला दिला रहे हैं। इस गंभीर स्थिति के बावजूद न तो स्थानीय प्रशासन और न ही जनप्रतिनिधि इस समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम उठा रहे हैं।
पूर्व प्राचार्य के निधन से बिगड़ी स्थिति
विद्यालय की स्थिति तब और बदतर हो गई जब पूर्व प्राचार्य स्वर्गीय गुलाब गढ़ेवाल का 8 जुलाई 2025 को हृदयाघात से आकस्मिक निधन हो गया।

उनके निधन के बाद विद्यालय का प्रशासनिक और शैक्षणिक ढांचा पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया। विभाग ने इस स्थिति को संभालने के लिए हाई स्कूल लाद के प्राचार्य जीवनलाल जगत को कोरबी हाई सेकेंडरी विद्यालय का प्रभारी प्राचार्य नियुक्त किया। श्री जगत ने विद्यालय का बारीकी से निरीक्षण किया और कई गंभीर समस्याओं को उजागर किया।


लेखपाल की अनुपस्थिति से प्रभावित लेखा-जोखा प्रभारी प्राचार्य जीवनलाल जगत ने पोडी-उपरोड़ा के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) को पत्र लिखकर बताया कि 2022 में चुनाव सामग्री संपादन के लिए विद्यालय में पदस्थ लेखपाल को पसान तहसील में संलग्न किया गया था, जो आज तक वापस नहीं लौटा। इसके अलावा, भृत (चपरासी) दिग्विजय सिंह मरावी और जमुना प्रसाद अर्मों लेखपाल को भी कार्यमुक्त करने के लिए पत्र लिखा गया है। लेखपाल की अनुपस्थिति के कारण विद्यालय का लेखा-जोखा, बिल, वाउचर, कैश बुक, चेक बुक और पासबुक जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब हैं। श्री जगत ने बताया कि सभी अलमारियों की तलाशी के बावजूद रोकड़ बही और अन्य दस्तावेज नहीं मिले, जिसके कारण विभागीय ऑडिट और भौतिक सत्यापन में भारी दिक्कत हो रही है।
शिक्षकों की कमी: आत्मानंद स्कूल की सबसे बड़ी चुनौती
आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में शिक्षकों की भारी कमी सबसे गंभीर समस्या है। 400 छात्र-छात्राओं के लिए केवल चार शिक्षक हैं, जिसके कारण पढ़ाई लगभग ठप है। प्रभारी प्राचार्य ने बताया कि इस कमी के चलते शैक्षणिक गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ रहा है। अभिभावक रोजाना स्कूल आकर अपने बच्चों का टीसी कटवा रहे हैं और उन्हें अन्य स्कूलों में दाखिला दिलाने को मजबूर हैं। छात्र-छात्राएं भी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने जिला कलेक्टर, कोरबा को इस समस्या से अवगत कराया और शिक्षकों की कमी दूर करने की मांग की। हालांकि, 15 दिन बीत जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता

इस गंभीर समस्या के बावजूद न तो जिला प्रशासन ने कोई ठोस कदम उठाया और न ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस मुद्दे पर कोई रुचि दिखाई। न सरपंच, न जनपद सदस्य, न जिला पंचायत सदस्य और न ही क्षेत्रीय विधायक ने इस मामले में हस्तक्षेप किया। सवाल उठता है कि ये जनप्रतिनिधि, जिन्हें जनता ने चुना है, अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं निभा रहे? सैकड़ों छात्र-छात्राओं का भविष्य दांव पर लगा है, लेकिन प्रशासन और जनप्रतिनिधि अपनी “कुंभकर्णी नींद” में सोए हुए हैं।
छात्रों और अभिभावकों की पीड़ा
छात्र-छात्राएं और उनके अभिभावक इस लचर व्यवस्था से त्रस्त हैं। एक अभिभावक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमने सोचा था कि आत्मानंद स्कूल में हमारे बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलेगी, लेकिन शिक्षकों की कमी और अव्यवस्थाओं ने सब बर्बाद कर दिया। अब हमें मजबूरन अपने बच्चों को दूसरे स्कूलों में भेजना पड़ रहा है।” वहीं, छात्राओं ने जिला कलेक्टर से गुहार लगाई कि उनकी पढ़ाई और भविष्य को बचाने के लिए तत्काल शिक्षकों की नियुक्ति की जाए।
क्या है समाधान?
कोरबी चोटिया आत्मानंद विद्यालय की समस्याओं का समाधान तत्काल कार्रवाई के बिना संभव नहीं है। निम्नलिखित कदम इस स्थिति को सुधारने में मदद कर सकते हैं:
शिक्षकों की तत्काल नियुक्ति: अंग्रेजी और हिंदी माध्यम के लिए पर्याप्त शिक्षकों की भर्ती की जाए ताकि पढ़ाई सुचारू हो सके।
लेखपाल और चपरासी की वापसी: पसान तहसील में संलग्न लेखपाल और अन्य कर्मचारियों को तुरंत कार्यमुक्त कर विद्यालय में वापस भेजा जाए।
दस्तावेजों का सत्यापन: गायब दस्तावेजों की जांच के लिए विशेष समिति गठित की जाए और ऑडिट प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए।
जनप्रतिनिधियों की सक्रियता: स्थानीय सरपंच, जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य और विधायक को इस मामले में हस्तक्षेप कर समाधान निकालना चाहिए।
जिला प्रशासन की जवाबदेही: जिला कलेक्टर और शिक्षा विभाग को तत्काल इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए।
सवाल, जो बिना जवाब हैं
सैकड़ों छात्र-छात्राओं का भविष्य दांव पर होने के बावजूद प्रशासन क्यों चुप है?
जनप्रतिनिधियों की इस मामले में उदासीनता की वजह क्या है?
आत्मानंद स्कूल, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का वादा करता है, ऐसी बदहाली में क्यों है  इस अनदेखी का जिम्मेदार कौन है, और कब तक होगी कार्रवाई?
                       

                    ,,निष्कर्ष,,

कोरबी चोटिया हाई सेकेंडरी आत्मानंद विद्यालय की स्थिति बेहद चिंताजनक है। शिक्षकों, लेखपाल और चपरासियों की कमी, दस्तावेजों का गायब होना, और प्रशासनिक अव्यवस्थाएं इस स्कूल को अंधेरे में धकेल रही हैं। सैकड़ों छात्र-छात्राओं का भविष्य दांव पर है, और उनकी पुकार को अनसुना करना अन्याय है। जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग और जनप्रतिनिधियों को तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करना होगा। अगर अब भी कार्रवाई नहीं हुई, तो यह न केवल प्रशासनिक विफलता होगी, बल्कि उन सभी की नैतिक हार होगी जो इन बच्चों के भविष्य के लिए जिम्मेदार हैं।

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
जन जन की आवाज़

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