कोरबा: बाल संप्रेक्षण गृह से चार किशोर फरार, जिला प्रशासन ने शुरू की दण्डाधिकारी जांच,,
कोरबा, 01 सितंबर 2025: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह (बालक) से चार अपचारी किशोरों के फरार होने की गंभीर घटना ने जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस को हाई अलर्ट पर ला दिया है। यह घटना 31 अगस्त 2025 की सुबह लगभग 8:10 बजे की है, जब चार किशोरों ने बाथरूम की वेंटिलेशन खिड़की को तोड़कर संप्रेक्षण गृह के परिसर से भागने में सफलता हासिल की। इस घटना ने न केवल बाल संप्रेक्षण गृह की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि वहां की प्रबंधन प्रणाली और किशोरों के साथ व्यवहार को लेकर भी कई गंभीर सवाल उठाए हैं।
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, चारों अपचारी किशोर, जिनकी उम्र 14 से 17 वर्ष के बीच बताई जा रही है, शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह में विभिन्न अपराधों के कारण रखे गए थे। 31 अगस्त की सुबह, जब कर्मचारी नियमित कार्यों में व्यस्त थे, इन किशोरों ने बाथरूम की वेंटिलेशन खिड़की को तोड़कर भागने की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, खिड़की का आकार छोटा होने के बावजूद किशोरों ने किसी तरह उसका उपयोग कर परिसर से बाहर निकलने में सफलता पाई। घटना के तुरंत बाद संप्रेक्षण गृह के कर्मचारियों ने स्थानीय पुलिस को सूचित किया, और फरार किशोरों की तलाश शुरू कर दी गई।
दण्डाधिकारी जांच के आदेश
इस गंभीर घटना को देखते हुए कोरबा के कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने तत्काल दण्डाधिकारी जांच के आदेश जारी किए हैं। जांच की जिम्मेदारी संयुक्त कलेक्टर कौशल प्रसाद तेंदुलकर को सौंपी गई है। आदेश के अनुसार, जांच 30 दिनों के भीतर पूरी कर इसका प्रतिवेदन कलेक्टर कार्यालय को प्रस्तुत करना होगा। जांच के लिए निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है:
घटना की परिस्थितियां: किशोरों के फरार होने की घटना किन परिस्थितियों में हुई?
क्या इसमें सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक थी?
फरार होने के कारण: किशोरों ने भागने का निर्णय क्यों लिया? क्या संप्रेक्षण गृह में उनके साथ कोई अनुचित व्यवहार हुआ?
शारीरिक यातना की आशंका: क्या किशोरों को संप्रेक्षण गृह में दाखिल होने से पहले या बाद में किसी प्रकार की शारीरिक या मानसिक यातना दी गई?
सूचना में देरी: घटना की जानकारी पुलिस को कब और किसके द्वारा दी गई? क्या इसमें कोई विलंब हुआ?
अन्य तथ्य: जांच के दौरान कोई अन्य महत्वपूर्ण तथ्य जो सामने आए, उसका विश्लेषण।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने बाल संप्रेक्षण गृह की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वेंटिलेशन खिड़की जैसे संवेदनशील स्थानों पर पर्याप्त सुरक्षा उपायों का अभाव इस घटना का प्रमुख कारण हो सकता है। इसके अलावा, संप्रेक्षण गृह में कर्मचारियों की संख्या, उनकी प्रशिक्षण स्थिति, और किशोरों की निगरानी की प्रक्रिया भी जांच के दायरे में होगी। स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस घटना पर चिंता जताई है और मांग की है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
पुलिस की कार्रवाई और किशोरों की तलाश
घटना की सूचना मिलते ही कोरबा पुलिस ने फरार किशोरों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस ने आसपास के इलाकों में नाकाबंदी कर दी है और रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, और अन्य संभावित स्थानों पर सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, किशोरों की पहचान और उनके पिछले रिकॉर्ड के आधार पर पुलिस उनकी संभावित ठिकानों की तलाश कर रही है। हालांकि, अभी तक किशोरों का कोई सुराग नहीं मिला है।
बाल संप्रेक्षण गृह: उद्देश्य और चुनौतियां
बाल संप्रेक्षण गृह का उद्देश्य अपचारी किशोरों को सुधार और पुनर्वास का अवसर प्रदान करना है। इन संस्थानों में किशोरों को शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण, और मनोवैज्ञानिक सहायता दी जाती है ताकि वे समाज में एक बेहतर जीवन जी सकें। हालांकि, इस तरह की घटनाएं इन संस्थानों की कार्यप्रणाली और संसाधनों की कमी को उजागर करती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अपचारी किशोरों के साथ संवेदनशीलता और पेशेवर दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है, जिसका अभाव इस तरह की घटनाओं को जन्म दे सकता है।
आगे की राह
जिला प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और जांच के परिणामों के आधार पर जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्रवाई की बात कही है। इसके साथ ही, बाल संप्रेक्षण गृह की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं। इनमें सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि, और नियमित निरीक्षण शामिल हो सकते हैं।

जन जन की आवाज़