कोरबा: पुलिस अधिकारी बनकर ट्रैक्टर चालकों से अवैध वसूली करने वाले तीन युवक गिरफ्तार, मोबाइल वीडियो बना अहम सबूत,,
कोरबा कटघोरा—– छत्तीसगढ़: कोरबा जिले के बांगो थाना क्षेत्र अंतर्गत पोड़ी-उपरोड़ा में 30 जुलाई 2025 को एक सनसनीखेज घटना सामने आई, जिसमें तीन युवकों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर ट्रैक्टर चालकों से अवैध वसूली करने की कोशिश की। शराब के नशे में धुत इन युवकों ने न केवल चालकों को धमकाया, बल्कि उनसे पैसे ऐंठने के लिए फर्जी चालान और ट्रैक्टर जब्त करने की धमकी भी दी। हालांकि, चालकों की सतर्कता और मोबाइल वीडियो रिकॉर्डिंग ने इस अपराध को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बांगो पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, और मामले की विस्तृत जांच जारी है।
घटना का विवरण
30 जुलाई 2025 की शाम पोड़ी-उपरोड़ा क्षेत्र में एक क्रेटा कार से तीन युवक उतरे और वहां मौजूद ट्रैक्टर चालकों को निशाना बनाया। ये युवक शराब के नशे में थे और उन्होंने खुद को पुलिस या प्रशासनिक अधिकारी बताकर चालकों से उनके वाहनों के कागजात और ड्राइविंग लाइसेंस दिखाने की मांग की। चालकों द्वारा कागजात दिखाने के बावजूद, युवकों ने उन्हें 25,000 रुपये का चालान काटने और ट्रैक्टर को जब्त करने की धमकी दी।
लंबी बहस और डराने-धमकाने के बाद, आरोपियों ने चालकों से 1,000 रुपये में “राजीनामा” करने की बात कही, ताकि मामला कथित तौर पर शांत हो जाए। चालकों ने मजबूरी में 600 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए और 400 रुपये नकद दिए। इस दौरान, चालकों ने अपनी समझदारी दिखाते हुए पूरी घटना को अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर लिया। यह वीडियो बाद में पुलिस के लिए अहम सबूत बना।
मोबाइल वीडियो: अपराध का पर्दाफाश
ट्रैक्टर चालकों की सतर्कता इस मामले में निर्णायक साबित हुई। उन्होंने न केवल घटना को मोबाइल में रिकॉर्ड किया, बल्कि इसे बांगो थाना में शिकायत के साथ सबूत के तौर पर प्रस्तुत किया। वीडियो में तीनों युवकों को चालकों को धमकाते, पैसे मांगते और फर्जी अधिकारी बनकर अवैध वसूली करते हुए स्पष्ट रूप से देखा गया। इस सबूत ने पुलिस को त्वरित कार्रवाई करने में मदद की और मामले की गंभीरता को उजागर किया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
शिकायत मिलते ही बांगो थाना पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल अपराध पंजीबद्ध किया। प्रारंभिक जांच के आधार पर, पुलिस ने बैकुंठपुर पुलिस की सहायता से तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया। आरोपियों को बांगो पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है, और उनसे पूछताछ जारी है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या ये युवक पहले भी इस तरह की घटनाओं में शामिल रहे हैं और क्या उनके पीछे कोई बड़ा गिरोह सक्रिय है।
आरोपियों की पहचान और जांच
फिलहाल, पुलिस ने आरोपियों की पहचान सार्वजनिक नहीं की है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, ये युवक स्थानीय या आसपास के क्षेत्रों के हो सकते हैं। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्रेटा कार, जिसका इस्तेमाल इस घटना में किया गया, किसके नाम पर रजिस्टर्ड है और क्या इसका उपयोग पहले भी इस तरह के अपराधों में हुआ है। इसके अलावा, ऑनलाइन ट्रांसफर किए गए 600 रुपये के लेनदेन की डिटेल्स भी खंगाली जा रही हैं, ताकि वित्तीय लेनदेन का पूरा विवरण सामने आ सके।
कानूनी प्रावधान
इस मामले में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की निम्नलिखित धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है:
धारा 170: सरकारी कर्मचारी होने का ढोंग करना।
धारा 384: उगाही (एक्सटॉर्शन)।
धारा 419: धोखाधड़ी के लिए प्रतिरूपण।
धारा 506: आपराधिक धमकी। इसके अलावा, शराब के नशे में अपराध करने के लिए छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम के तहत भी कार्रवाई संभव है।
क्षेत्र में इस तरह की घटनाओं का इतिहास
कोरबा जिला, विशेष रूप से पोड़ी-उपरोड़ा जैसे ग्रामीण और औद्योगिक क्षेत्रों में, इस तरह की आपराधिक गतिविधियां पहले भी सामने आ चुकी हैं। खनन और औद्योगिक गतिविधियों के कारण इन क्षेत्रों में ट्रैक्टर और भारी वाहनों का आवागमन अधिक होता है, जिसे अपराधी आसान निशाना बनाते हैं। फर्जी पुलिसकर्मी बनकर वसूली करने के मामले ग्रामीण क्षेत्रों में आम हो गए हैं, और यह घटना इस प्रवृत्ति को और उजागर करती है।
पुलिस और प्रशासन के लिए चुनौती
यह घटना स्थानीय पुलिस और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करती है। बांगो थाना, जो कोरबा जिले के 16 पुलिस थानों में से एक है, को इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए और सख्ती बरतनी होगी। कोरबा पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी (आईपीएस) के नेतृत्व में जिला पुलिस ने हाल के वर्षों में कई अपराधों पर नियंत्रण पाया है, लेकिन इस तरह की घटनाएं पुलिस की सतर्कता और खुफिया तंत्र पर सवाल उठाती हैं।
समुदाय की भूमिका
इस मामले में ट्रैक्टर चालकों की सतर्कता और मोबाइल वीडियो रिकॉर्डिंग ने अपराधियों को पकड़ने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह घटना दर्शाती है कि समुदाय की जागरूकता और तकनीकी साधनों का उपयोग अपराध के खिलाफ एक प्रभावी हथियार हो सकता है। पुलिस ने भी स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे इस तरह की संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना दें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने निम्नलिखित बिंदुओं पर जांच शुरू की है:
आरोपियों का आपराधिक इतिहास: क्या ये युवक पहले भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल रहे हैं?
गिरोह की संभावना: क्या यह किसी बड़े रैकेट का हिस्सा है, जो फर्जी अधिकारी बनकर वसूली करता हो?
वाहन की जांच: क्रेटा कार की रजिस्ट्री और उपयोग का इतिहास।
वित्तीय लेनदेन: ऑनलाइन और नकद भुगतान के स्रोत और गंतव्य की जांच। पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया है कि दोषियों को सख्त सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
,,निष्कर्ष,,
पोड़ी-उपरोड़ा में फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर अवैध वसूली करने की यह घटना न केवल अपराधियों की ढिठाई को दर्शाती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह की गतिविधियों पर अंकुश लगाने की तत्काल आवश्यकता को भी रेखांकित करती है। ट्रैक्टर चालकों की सतर्कता और बांगो पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने इस मामले में तुरंत परिणाम दिए, लेकिन यह घटना प्रशासन और पुलिस के लिए एक चेतावनी है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस को खुफिया तंत्र को मजबूत करना होगा और समुदाय के साथ मिलकर काम करना होगा। यह मामला यह भी दर्शाता है कि तकनीक, जैसे मोबाइल वीडियो, आज के समय में अपराध के खिलाफ एक शक्तिशाली उपकरण बन चुकी है।

जन जन की आवाज़