कटघोरा में आयकर विजिलेंस विभाग की छापेमारी: धिरपाल दास दीवान के घर दो दिन की कार्रवाई से नगर में हड़कंप,,
कोरबा जिले के कटघोरा नगर के तहसील भाठा मोहल्ले में 14 और 15 जुलाई 2025 को आयकर विजिलेंस विभाग की एक बड़ी छापेमारी ने पूरे क्षेत्र में सनसनी मचा दी। इस कार्रवाई का केंद्र था धिरपाल दास दीवान का निवास, जहां आयकर विभाग की टीम ने दो दिनों तक गहन जांच-पड़ताल की। इस दौरान नगर में तरह-तरह की चर्चाएं और अफवाहें उड़ीं, जिनमें करोड़ों रुपये, सोना-चांदी और अन्य संपत्तियों की बरामदगी की बातें शामिल थीं। हालांकि, जांच अधिकारियों ने मीडिया को कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया, जिससे रहस्य और गहरा गया।
छापेमारी का पहला दिन: 14 जुलाई 2025
14 जुलाई की सुबह 7 बजे आयकर विजिलेंस विभाग की एक विशेष टीम ने अचानक धिरपाल दास दीवान के तहसील भाठा मोहल्ले स्थित घर पर दबिश दी। यह कार्रवाई इतनी गोपनीय थी कि स्थानीय लोगों को इसकी भनक तक नहीं थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह-सुबह कई गाड़ियों में सादी वर्दी और कुछ वर्दीधारी अधिकारियों ने धिरपाल के घर को घेर लिया। इसके बाद घर के अंदर विभिन्न दस्तावेजों, मोबाइल डाटा, लैपटॉप, बैंक लेनदेन और अन्य वित्तीय रिकॉर्ड्स की गहन जांच शुरू हुई।
जांच का दौर दिनभर चला और रात 10 बजे तक जारी रहा। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इस दौरान अधिकारियों ने घर से चार सूटकेस बाहर निकाले, जिसके बाद नगर में यह चर्चा तेज हो गई कि इनमें भारी मात्रा में नकदी, सोना-चांदी या अन्य कीमती सामान हो सकता है। कुछ लोगों ने अनुमान लगाया कि यह राशि करोड़ों में हो सकती है। इस बीच, धिरपाल दास दीवान और उनके परिवार को पूरे दिन सख्त निगरानी में रखा गया। रात को परिवार को पुलिस की कड़ी हिरासत में रखा गया, जिससे स्थानीय लोगों में डर और उत्सुकता का माहौल बन गया।
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### *दूसरा दिन: 15 जुलाई 2025*
15 जुलाई को सुबह 7 बजे जांच का दूसरा चरण शुरू हुआ। आयकर विभाग की टीम ने फिर से धिरपाल के घर पर दस्तावेजों और अन्य सामग्रियों की बारीकी से जांच की। इस दिन दो गवाहों की मौजूदगी में कुछ महत्वपूर्ण खुलासे हुए। गवाहों के अनुसार, जांच के दौरान धिरपाल दास दीवान के घर से 4 लाख रुपये नकद बरामद किए गए। धिरपाल ने अधिकारियों से अनुरोध किया कि यह राशि उनके इलाज के लिए रखी गई थी और इसे जब्त न किया जाए। हालांकि, अधिकारियों ने 1.5 लाख रुपये की नकदी को जब्त कर लिया।
दूसरे दिन की कार्रवाई भी देर शाम तक चली। इस दौरान जांच टीम ने कई दस्तावेजों और डिजिटल डाटा की पड़ताल की, लेकिन कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया। शाम होते-होते खबर फैली कि जांच टीम जल्द ही रवाना होने वाली है। स्थानीय मीडिया ने मौके पर पहुंचकर अधिकारियों से जानकारी लेने की कोशिश की, लेकिन टीम ने किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया। इससे नगर में रहस्य और अटकलों का दौर और तेज हो गया।
### *नगर में चर्चाओं का बाजार गर्म*
दो दिनों तक चली इस छापेमारी ने कटघोरा नगर को चर्चा का केंद्र बना दिया। पहले दिन जब सूटकेस बाहर निकाले गए, तो लोगों में यह बात फैल गई कि धिरपाल के घर से करोड़ों रुपये और कीमती सामान बरामद हुआ है। कुछ लोगों ने अनुमान लगाया कि यह कार्रवाई किसी बड़े वित्तीय घोटाले या टैक्स चोरी से जुड़ी हो सकती है। हालांकि, दूसरे दिन जब गवाहों ने 4 लाख रुपये की बरामदगी और 1.5 लाख रुपये की जब्ती की बात बताई, तो चर्चाओं का रुख बदल गया। फिर भी, जांच की गोपनीयता और अधिकारियों की चुप्पी ने लोगों के बीच कई तरह की अटकलें पैदा कीं है,
स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर भी डर था कि यह कार्रवाई किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकती है, जिसमें अन्य कारोबारी या प्रभावशाली लोग भी शामिल हो सकते हैं। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि धिरपाल दास दीवान का कोई बड़ा कारोबारी या राजनीतिक कनेक्शन हो सकता है, जिसके कारण यह जांच इतनी गुप्त रखी जा रही है।
### **आयकर विभाग की रणनीति और गोपनीयता**
आयकर विजिलेंस विभाग की इस कार्रवाई की गोपनीयता ने कई सवाल खड़े किए हैं। सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी किसी गुप्त शिकायत या लंबे समय से चली आ रही जांच का हिस्सा हो सकती है। छत्तीसगढ़ में हाल ही में आयकर विभाग ने कई अन्य शहरों, जैसे बिलासपुर में भी इसी तरह की कार्रवाइयां की हैं, जो संभवतः वित्तीय अनियमितताओं या टैक्स चोरी से जुड़ी थीं।
कटघोरा में इस कार्रवाई के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि धिरपाल दास दीवान के वित्तीय लेनदेन या संपत्तियों में कुछ अनियमितताएं पाई गई होंगी। जांच के दौरान जब्त किए गए दस्तावेज और डिजिटल डाटा की गहन पड़ताल से आने वाले दिनों में और खुलासे हो सकते हैं।
### **निष्कर्ष**
कटघोरा के तहसील भाठा मोहल्ले में धिरपाल दास दीवान के घर पर आयकर विजिलेंस विभाग की दो दिन की छापेमारी ने न केवल स्थानीय लोगों में हड़कंप मचाया, बल्कि पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया। हालांकि, जांच के दौरान 1.5 लाख रुपये की नकदी जब्त होने की बात कही गई है, लेकिन बड़े पैमाने पर संपत्ति या सोना-चांदी की बरामदगी की अफवाहें फिलहाल सिर्फ चर्चा तक सीमित हैं। आयकर विभाग की चुप्पी और गोपनीयता ने इस मामले को और रहस्यमयी बना दिया है। आने वाले दिनों में अगर विभाग कोई आधिकारिक बयान जारी करता है, तो इस कार्रवाई के पीछे के कारण और परिणाम स्पष्ट हो सकते हैं। तब तक, कटघोरा में यह घटना लोगों के बीच चर्चा और अटकलों का केंद्र बनी रहेगी।

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