अखिल भारतवर्षीय हैहय कलचुरी समाज की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक भोपाल में संपन्न: छत्तीसगढ़ की सक्रिय भागीदारी, विभिन्न प्रस्ताव चर्चा,,
भोपाल, 3 अगस्त 2025: अखिल भारतवर्षीय हैहय कलचुरी महासभा के तत्वावधान में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस महत्वपूर्ण बैठक में देश के विभिन्न राज्यों से समाज के पदाधिकारी और स्वजातीय बंधुओं ने हिस्सा लिया। छत्तीसगढ़ से इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष मनोज राय के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सक्रिय भागीदारी निभाई। इस दल में अजय जायसवाल, हंसराज डहरवाल, रोहित जायसवाल, परमानंद सिन्हा और अन्य स्वजातीय बंधुओं के साथ-साथ महिलाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए बिलासपुर की श्रीमती सुनीता जायसवाल शामिल थीं। इस बैठक में समाज के उत्थान, संगठन के विस्तार और सामाजिक कल्याण से जुड़े विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श हुआ और कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए।
,,बैठक का उद्देश्य और महत्व,,
अखिल भारतवर्षीय हैहय कलचुरी महासभा एक ऐसी संस्था है, जो हैहयवंशी कलचुरी समाज के एकीकरण, शिक्षा, सामाजिक विकास और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए कार्यरत है। यह राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक समाज के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने, संगठन को मजबूत करने और समाज के युवाओं और महिलाओं के लिए नए अवसर सृजित करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। भोपाल में आयोजित यह बैठक समाज के लिए एक मील का पत्थर साबित हुई, क्योंकि इसमें विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने एक मंच पर आकर समाज की प्रगति के लिए रणनीति बनाई।
,,छत्तीसगढ़ की सक्रिय भागीदारी,,
छत्तीसगढ़ से इस बैठक में शामिल प्रतिनिधिमंडल ने समाज के लिए अपनी प्रतिबद्धता और सक्रियता का परिचय दिया। प्रदेश अध्यक्ष मनोज राय ने छत्तीसगढ़ में समाज के लिए किए जा रहे कार्यों और संगठन की गतिविधियों का विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत किया। उन्होंने समाज के युवाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर जोर दिया। साथ ही, अजय जायसवाल, हंसराज डहरवाल, रोहित जायसवाल, और परमानंद सिन्हा ने संगठन के विस्तार, सामाजिक एकता और ग्रामीण क्षेत्रों में समाज की समस्याओं को हल करने के लिए किए जा रहे कार्यों पर अपने विचार रखे।
महिलाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए श्रीमती सुनीता जायसवाल ने बिलासपुर और छत्तीसगढ़ के अन्य क्षेत्रों में महिलाओं की स्थिति, उनके सशक्तिकरण और शिक्षा के लिए किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने समाज में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेष योजनाओं की आवश्यकता पर बल दिया। उनकी उपस्थिति और विचारों ने बैठक में महिलाओं की सक्रिय भूमिका को रेखांकित किया।
,,बैठक में चर्चा के प्रमुख बिंदु,,
बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर गहन विचार-विमर्श हुआ और समाज के कल्याण के लिए कई प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें शामिल हैं:
शिक्षा और रोजगार के अवसर: समाज के युवाओं को उच्च शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए कैरियर गाइडेंस और कौशल विकास केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव पारित किया गया। छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधियों ने इस दिशा में राज्य में पहले से चल रहे प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की मांग की।
महिला सशक्तिकरण: समाज की महिलाओं को शिक्षा, स्वरोजगार और सामाजिक गतिविधियों में अधिक भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजनाएं शुरू करने का निर्णय लिया गया। श्रीमती सुनीता जायसवाल ने इस दिशा में बिलासपुर में किए जा रहे कार्यों को मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया।
,,सामाजिक एकता और संगठन विस्तार:,,
समाज के विभिन्न वर्गों, जैसे डडसेना कलार, शौंडिक, और प्रगतिशील जायसवाल, को एक मंच पर लाने और संगठन को राष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत करने का प्रस्ताव पारित हुआ। इस संबंध में छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधियों ने राज्य में संगठन की इकाइयों को और सक्रिय करने की योजना प्रस्तुत की।
सांस्कृतिक संरक्षण: हैहयवंशी कलचुरी समाज की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सामाजिक आयोजनों को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया। इसके लिए भोपाल में एक सांस्कृतिक केंद्र स्थापित करने की योजना पर चर्चा हुई।
,,युवक-युवती परिचय सम्मेलन:,,
बैठक में हाल ही में भोपाल में आयोजित युवक-युवती परिचय सम्मेलन की सफलता की सराहना की गई। इस आयोजन के लिए 200 से अधिक समितियां बनाई गई थीं, और 450 से अधिक बायोडाटा स्मारिका में प्रकाशित किए गए थे। छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधियों ने इस तरह के आयोजनों को राज्य में भी आयोजित करने की योजना प्रस्तुत की।
,,छत्तीसगढ़ का योगदान,,
छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधियों ने न केवल बैठक में सक्रिय भागीदारी निभाई, बल्कि समाज के लिए कई रचनात्मक सुझाव भी दिए। मनोज राय ने छत्तीसगढ़ में समाज के लिए किए जा रहे सामाजिक और शैक्षिक कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य है कि समाज का हर युवा शिक्षित और आत्मनिर्भर बने, और हमारी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए समाज को एकजुट किया जाए।” श्रीमती सुनीता जायसवाल ने महिलाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम और स्वरोजगार योजनाओं की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसे बैठक में सभी ने सराहा।
भोपाल: सामाजिक एकता का केंद्र
भोपाल में आयोजित इस बैठक ने न केवल समाज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा का मंच प्रदान किया, बल्कि देश भर से आए स्वजातीय बंधुओं को एकजुट करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भोपाल, जो पहले भी हैहय कलचुरी समाज के कई महत्वपूर्ण आयोजनों का गवाह रहा है, इस बार भी समाज के लिए एक प्रेरणादायक मंच साबित हुआ। बैठक में दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, मणिपुर, गोवा, हरियाणा, उत्तराखंड और अन्य राज्यों से आए प्रतिनिधियों का स्वागत किया गया। इसके लिए विशेष टीमें गठित की गई थीं, जो अतिथियों को रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट से रिसीव करने और भोपाल भ्रमण कराने के लिए तैनात थीं।
,,प्रस्तावों का प्रभाव,,
बैठक में पारित प्रस्ताव समाज के लिए दीर्घकालिक प्रभाव डालने वाले हैं। शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए शुरू किए जाने वाले कार्यक्रम समाज के युवाओं को नई दिशा प्रदान करेंगे। महिला सशक्तिकरण की योजनाएं समाज की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेंगी। साथ ही, संगठन के विस्तार और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए उठाए गए कदम समाज को एकजुट और मजबूत करेंगे।

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