बिलासपुर। शिवसेना सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री स्वंतंत्र प्रभार और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के लगातार तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण केंद्रीय बजट को समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय पर केंद्रित बताया है। श्री जाधव ने कहा कि यह बजट युवाओं पर रूपांतरकारी प्रभाव के लिए मंच तैयार करने वाला है। ‘GYAN’ (गरीब, युवा, अन्नदाता, नारीशक्ति) आधारित केंद्र सरकार का दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्तियों को बड़े पैमाने पर शैक्षिक और स्वास्थ्य कार्यक्रमों के माध्यम से सशक्त बनाया जाए। बजट पर बुद्धिजीवियों से चर्चा करने बिलासपुर पहुँचे श्री जाधव रविवार को पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। केंद्रीय राज्यमंत्री श्री जाधव ने कहा कि यह बजट न केवल पिछले 10 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था में आए गुणात्मक और मात्रात्मक परिवर्तनों को प्रस्तुत करता है, बल्कि विकसित भारत के संकल्पों को पूरा करने का मार्ग भी प्रशस्त करता है। पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकलकर एक नए मध्यम वर्ग के रूप में उभरे हैं, उन्हें सशक्त करने की निरंतरता वाला यह आम बजट है। बजट में ‘विकसित भारत’ के लिए घोषित नौ प्राथमिकताओं का जिक्र करते हुए श्री जाधव ने कहा कि 2013-14 में पिछली कांग्रेसनीत संप्रग सरकार का आखिरी बजट 16 लाख करोड़ रुपए का था और आज हमारी सरकार में यह बजट तीन गुना बढ़कर 48 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है। आज भारत 8 परसेंट की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। आज भारत, दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत है, और जल्दी ही भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इकॉनॉमिक पावर बन जाएगा तो नए सेक्टर्स में भी संभावनाएं बन रही हैं, और इस बजट में इस बात का पूरा पूरा ध्यान रखा गया है। केंद्रीय राज्यमंत्री श्री जाधव ने इस बजट की विशेष प्रावधानों की जानकारी दी और बताया कि दो लाख करोड़ रुपये की लागत से पांच योजनाओं और पहलों से संबंधित प्रधानमंत्री का पैकेज अगले 5 वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार, कौशल प्रशिक्षण और अन्य अवसरों की सुविधा देगा। विकसित भारत को साकार करने के लिए बजट में सभी के लिए पर्याप्त अवसरों के सृजन हेतु 9 प्राथमिकताओं के लिए सतत प्रयासों की परिकल्पना की गई है। श्री जाधव ने कहा कि इस बजट में रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर विशेष जोर दिया गया है। किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 बागवानी फसलों की उच्च-उपज वाली तथा जलवायु-अनुकूल 109 नई किस्में जारी की जाएंगी। इसी के साथ अगले दो वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि की शुरुआत करने के लिए सहायता दी जाएगी। इस वर्ष कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया गया है।

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