कोरबा में रेडी टू ईट उत्पादन में लेटलतीफी करने वाले स्वसहायता समूहों पर प्रशासन का शिकंजा: 1 अक्टूबर तक मशीनें लगाएं, वरना योजना से बाहर!
कोरबा, 21 सितंबर 2025: सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना के तहत पूरक पोषण आहार के लिए रेडी टू ईट और फोर्टिफाइड आटा उत्पादन का दायित्व चयनित महिला स्वसहायता समूहों को सौंपे जाने के बाद भी कई समूहों द्वारा स्वचलित मशीनें स्थापित करने में हो रही देरी पर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। 30 अप्रैल को चयनित 10 समूहों को अनुबंध पत्र सौंपे गए थे, लेकिन चार माह बाद भी कई परियोजनाओं में यूनिट स्थापना का काम अधर में लटका हुआ है। प्रशासन ने स्पष्ट फरमान जारी कर 1 अक्टूबर तक मशीनें लगाने का आदेश दिया है, अन्यथा अवहेलना करने वाले समूहों को योजना से पृथक कर दिया जाएगा। इस निर्देश से चयनित समूहों में हड़कंप मच गया है और कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
यह पहल छत्तीसगढ़ सरकार की महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है।cb9e0f सत्ता परिवर्तन के डेढ़ साल बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार ने चुनावी वादा निभाते हुए रेडी टू ईट उत्पादन का कार्य राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम की इकाइयों से छीनकर महिला स्वसहायता समूहों को सौंपा है।e1ec0a आकांक्षी जिला कोरबा सहित प्रदेश के छह जिलों—रायगढ़, सूरजपुर, बलौदा बाजार-भाटापारा, बस्तर और दंतेवाड़ा में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह योजना शुरू की गई है। कोरबा में 67 आवेदनों में से 10 समूहों का चयन किया गया, जो जिले के 2602 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 1 लाख 20 हजार 614 हितग्राहियों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराएंगे।
पोषण योजना का महत्व और इतिहास
महिला एवं बाल विकास विभाग 6 माह से 6 वर्ष के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती एवं धात्री माताओं के पोषण के लिए कार्यरत है।3e1737 कुपोषण मुक्ति के लिए रेडी टू ईट कार्यक्रम के तहत गेहूं, सोया, चना और मूंगफली मिश्रित पौष्टिक आहार 3 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री माताओं को हर मंगलवार वितरित किया जाता है। वहीं, 3 से 6 वर्ष के बच्चों को गर्म भोजन में फोर्टिफाइड आटा से बनी रोटी दी जाती है। फरवरी 2022 से पहले यह कार्य स्थानीय स्वसहायता समूहों द्वारा संचालित था, लेकिन बाद में निगमों को सौंप दिया गया, जिससे 16 हजार से अधिक महिलाएं बेरोजगार हो गईं। अब साय सरकार ने इसे पुनः समूहों को सौंपकर रोजगार के अवसर पैदा किए हैं।
लेटलतीफी की वजह और प्रशासन का कड़ा रुख
चयनित समूहों को स्वचलित मशीनें खरीदने के लिए तकनीकी मार्गदर्शन दिया गया, लेकिन सस्ती-महंगी मशीनों के चक्कर में कई समूह उदासीन हैं। इससे प्रशिक्षण और उत्पादन में देरी हो रही है। यूनिट स्थापित होने के बाद प्रदेश से बाहर की टीमें मानव स्पर्श रहित उत्पादन के लिए प्रशिक्षण देंगी। जिला प्रशासन ने महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देश दिए हैं कि 1 अक्टूबर तक अनियमितता सुधारने वाले समूहों को योजना से हटाकर वरीयता क्रम के अन्य समूहों को जिम्मेदारी सौंपी जाए। नियमानुसार, रुचि न दिखाने या अनियमितता पर समूहों का संचालन निरस्त किया जा सकता है।
वित्तीय सहायता: PMFME योजना से सब्सिडी, बैंक से ऋण
चयनित 10 समूहों को प्रधानमंत्री फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (PMFME) योजना के तहत उद्योग विभाग से पूंजीगत सब्सिडी मिलेगी।92d991 इसके अलावा, यूनिट स्थापना के लिए बैंकों से 40-45 लाख रुपये का ऋण भी उपलब्ध कराया गया है। यह सुविधा समूहों को आर्थिक बोझ से राहत देगी, लेकिन देरी के कारण लाभ में बाधा आ रही है।
परियोजनावार चयनित स्वसहायता समूह
कोरबा जिले की 10 परियोजनाओं के लिए चयनित समूह इस प्रकार हैं:
परियोजना
चयनित समूह
कोरबा शहरी,,
मां तुलसी स्व सहायता समूह, ढोढ़ीपारा
कोरबा ग्रामीण
सफुरा माता स्व सहायता समूह, सलिहाभांठा
बरपाली,,
जय मां दुर्गा स्व सहायता समूह, नोनबिर्रा
करतला,,
जय मां दुर्गा स्व सहायता समूह, नोनबिर्रा
कटघोरा,,
जय दुर्गा स्व सहायता समूह, मुढाली
हरदीबाजार,,
जय मां दुर्गा महिला स्व सहायता समूह, बोईदा
पाली,,
प्रगति स्व सहायता समूह, रजकम्मा
पोंडी उपरोड़ा,,
पार्वती स्व सहायता समूह, सिंधिया
चोटिया आदर्श महिला स्व सहायता समूह, खिरटी,,
पसान मां लक्ष्मी स्व सहायता समूह, बैरा,,
यह कदम न केवल कुपोषण के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करेगा, बल्कि महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में भी सहायक सिद्ध होगा। प्रशासन ने सभी समूहों से तत्काल कार्रवाई की अपील की है, ताकि हितग्राहियों को शीघ्र पौष्टिक आहार उपलब्ध हो सके।

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