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कटघोरा-कोरबा में हाथी आतंक: मानव-वन्यजीव संघर्ष तेज, बेबी हाथी का जन्म लेकिन ग्रामीण दहशत में,,

कटघोरा-कोरबा में हाथी आतंक: मानव-वन्यजीव संघर्ष तेज, बेबी हाथी का जन्म लेकिन ग्रामीण दहशत में,,

कोरबा कटघोरा, 13 सितंबर 2025: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के कटघोरा वन मंडल में जंगली हाथियों का आतंक इन दिनों चरम पर है। विभिन्न झुंडों में कुल 67 हाथियों की मौजूदगी से आसपास के 85 से अधिक गांवों में दहशत का माहौल है। एक ओर जहां केंदई रेंज के सखोदा जंगल में एक मादा हथिनी ने स्वस्थ बेबी हाथी को जन्म दिया है, वहीं दूसरी ओर हाथी दल गांवों में घुसकर तोड़फोड़ कर रहे हैं। वन विभाग ने सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं, लेकिन मानव-हाथी संघर्ष को रोकने के प्रयासों के बावजूद ग्रामीणों की जान-माल को खतरा बरकरार है।

         ,,केंद॑ई वन परिक्षेत्र में हाथियों का रेला,,

घुचापुर ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम बोरलाबारी जंगल में 12 हाथियों का एक दल विचरण कर रहा है। स्थानीय ग्रामीण पवन सिंह बिझवार ने बताया कि हाथी का दल बोरलाबारी जंगल में प्रवेश कर चुका है।

पसान वन क्षेत्र में दहशत: कार पर हमला, ग्रामीण  झुलसा,,

एक घटना में हाथियों ने एक कार पर हमला कर शीशा तोड़ दिया। हाथियों को भगाने के प्रयास में मसालेदार पटाखों का इस्तेमाल किया गया, जिसमें एक ग्रामीण झुलस गया। वन विभाग ने प्रभावित गांवों के निवासियों को सतर्क रहने और अपना ख्याल रखने की सलाह दी है।

सखोदा जंगल में खुशी का पल: बेबी हाथी का जन्म, दल की संख्या 67 हुई
कटघोरा वन मंडल में कुल 66 हाथियों के झुंड विचरण कर रहे थे, लेकिन 9 सितंबर (मंगलवार) को केंदई रेंज के सखोदा बीट जंगल में एक मादा हथिनी ने स्वस्थ बेबी हाथी को जन्म दिया। परिक्षेत्र सहायक सुनील डिकशेना ने बताया कि जन्म के तुरंत बाद वन विभाग को सूचना मिली और मौके पर पहुंची टीम ने (आंवर) यानी गर्भनाल बरामद किया। अब पूरे डिवीजन में हाथियों की संख्या 67 हो गई है।
इसकी जानकारी मिलते ही डीएफओ कुमार निशांत ने सखोदा गांव का दौरा किया। उन्होंने ड्यूटी पर तैनात परिक्षेत्र सहायकों सुनील डिकशेना, पंकज खैरवार और प्रीतम पुरैन को सख्त निर्देश दिए कि निगरानी बढ़ाई जाए और आला अधिकारियों को अलर्ट रखा जाए। डीएफओ ने कहा, “यह घटना कटघोरा में चल रहे हाथी संरक्षण कार्यक्रम के लिए नई ऊर्जा लाती है।” वन विभाग ने स्थानीय समुदाय से हाथी दल से दूरी बनाए रखने और दर्शन होने पर तुरंत सूचना देने की अपील की है।
NH-130 पर खतरा: मड़ई से होकर बगबुड़ा की ओर बढ़ा दल
कुछ हाथियों का दल मड़ई के पास नेशनल हाईवे-130 (NH-130) को पार कर आगे बढ़ रहा है। वन विभाग के अनुसार, यह दल बगबुड़ा, ढोढाबाहर, चौरधोवा, कापा और नवापारा की ओर जा सकता है। आसपास के सभी ग्रामवासियों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। अगस्त में भी इसी हाईवे पर 46 हाथियों का विशाल झुंड सड़क पार करता दिखा था, जिसका वीडियो वायरल हुआ था।

गायमाड़ा में दोहरी तबाही: 12 हाथियों ने घरों पर हमला

केंदई वन परिक्षेत्र के मोरगा-मदनपुर के मध्य NH-130 किनारे स्थित गायमाड़ा (काली मंदिर) के पास रात में 12 सदस्यीय हाथी दल ने दो घरों को निशाना बनाया। लगभग एक घंटे तक चली तोड़फोड़ में अमृत अगरिया का घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हाथी दल इसके बाद सिरबिदा-पंडरीपानी जंगल की ओर रवाना हो गया।

सूरजपुर से आए ‘आतंकी’ दल की वापसी: 

सूरजपुर से आए 12 ‘आतंकी’ हाथियों का झुंड अब वापसी की तैयारी में है। पतुरियाडाड क्षेत्र में इनकी मौजूदगी की जानकारी मिली है। वन विभाग ने इस दल पर विशेष नजर रखी है।

,,रोदे पहाड़ से फुलसर की ओर: 9 हाथियों का दल,,

रोदे पहाड़ से उत्तर कर  9 हाथियों का एक और दल फुलसर-कोरबी की ओर बढ़ रहा है। जंगल में कुल 70 हाथियों की अनुमानित मौजूदगी बताई जा रही है, जिनमें से अधिकांश (66) केवल केंदई रेंज में हैं।
वन विभाग की कार्रवाई और सलाह
कटघोरा वन मंडल डीएफओ कुमार निशांत ने बताया कि हाथी गतिविधियों पर ऐप के माध्यम से निगरानी की जा रही है। 85 गांवों में सायरन सिस्टम स्थापित किया गया है। ग्रामीणों से अपील है:
रात में जंगल की ओर न जाएं।
हाथी दर्शन पर तुरंत वन विभाग को सूचित करें

(हेल्पलाइन: 07759-222001)

फसल सुरक्षा के लिए सोलर फेंसिंग का उपयोग करें।
पिछले एक दशक में छत्तीसगढ़ के उत्तरी जिलों (कोरबा, सूरजपुर, रायगढ़ आदि) में 300 से अधिक मौतें हाथी हमलों से हो चुकी हैं। वन विभाग मानव-हाथी संघर्ष कम करने के लिए ट्रैकिंग और जागरूकता अभियान चला रहा है, लेकिन ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करना चुनौती बनी हुई है।

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
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