ईडी का बड़ा खुलासा: डीएमएफ घोटाले में बीज निगम से 350 करोड़ का गबन…4 करोड़ नगद,10 किलो चांदी मिली,,
रायपुर, 6 सितंबर 2025 – प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ में जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) घोटाले का पर्दाफाश किया है। ईडी ने 3 और 4 सितंबर 2025 को राज्य के 28 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया, जिसमें डीएमएफटी से जुड़े विक्रेताओं, ठेकेदारों और सरकारी अधिकारियों के परिसर शामिल थे।
0तलाशी अभियान और बरामदगी
इस तलाशी अभियान में ईडी ने बड़ी सफलता हासिल की। टीम ने 4 करोड़ रुपये की नगदी, 10 किलो चांदी की सिल्लियां और कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं। यह अभियान छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड (बीज निगम) से जुड़े ठिकानों पर केंद्रित था।
ईडी की जांच में पता चला है कि डीएमएफटी के लगभग 350 करोड़ रुपये का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया। यह पैसा विभिन्न जिलों के डीएमएफटी से बीज निगम के जरिए निकाला गया था।
<span;><span;>* कमीशन का खेल: जांच में सामने आया कि बीज निगम के माध्यम से कृषि उपकरण, पल्वराइज़र, बीज आदि की आपूर्ति के लिए ठेकेदारों को काम आवंटित किए गए थे।
60% तक कमीशन: इन ठेकों के लिए ठेकेदारों और बिचौलियों से अनुबंध मूल्य का 60% तक कमीशन लिया गया था। यह कमीशन बाद में कुछ सरकारी अधिकारियों और उनके सहयोगियों तक पहुंचता था।
0 जांच और कानूनी कार्रवाई
यह जांच छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी, जिसमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत विक्रेताओं, ठेकेदारों और सरकारी अधिकारियों पर डीएमएफटी फंड के दुरुपयोग का आरोप है।
0 कोरबा में पदस्थ रही 2 महिला अधिकारी हो चुकी पहले ही गिरफ्तार
इस मामले में पहले ही 21.47 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। ईडी ने रायपुर की विशेष पीएमएलए कोर्ट में एक अभियोजन शिकायत भी दायर की है, जिसमें 16 व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है। इसमें श्रीमती रेनू साहू (आईएएस), श्रीमती माया वरियर, और मनोज कुमार द्विवेदी को गिरफ्तार किया गया है।

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